एस्तेर ने अपनी जात और कुल कौ पता नईं दओ हतो, कायसे मोर्दकै ने ऊहों ऐसो आदेस दओ हतो कि कछु नें बताए; एस्तेर मोर्दकै की बात एैसी मानत हती जैसे कि ऊके इतै अपने पालन पोसन की बेरा मानत हती।
मोर्दकै हदस्सा नाओं की अपनी चचेरी बहन हों, जो एस्तेर सोई कहात हती, पालो-पोसो हतो; कायसे ऊके मताई-बाप कोऊ नें हते, और बा मोंड़ी सुन्दर और रूपबती हती, और जब ऊके मताई-बाप मर गए, तब मोर्दकै ने ऊहों अपनी बिटिया करके पालो हतो।
तब हामान ने राजा क्षयर्ष सें कई, “तोरे राज्य के सब प्रान्तन में रैबेवारे देस देस के मान्सन के मजारें तितर बितर और छिटकी भई एक जात आय, जीके नियम और सब लोगन के नियमों सें अलग आंय; और बे राजा के कानून पै नईं चलत, ई लाने उनहों रैन देबो राजा हों फायदेमन्द नईंयां।
कायसे मैं और मोरी जात के लोग बेच डाले गए आंय, और हम सब मरबे और नास करे जाबेवारे आंय। जदि हम अकेले दास-दासी हो जाबे के लाने बेच डाले जाते, तौ मैं चुप रैती; चाए ऊ दसा में ऊ बिरोदी, राजा के नुकसान की बरोबरी नें कर सकतो।”