8 पीबो तो नियम के अनसार होत हतो, कौनऊं हों जबरन नईं पियाओ जात हतो; कायसे राजा ने भवन के सब करमचारियन हों आदेस दओ हतो, कि जौन पाओनों जैसो चाए ऊके संगै ऊंसई ब्योहार करो जाए।
ऊ भोज में राजा के लायक दाखमधु तरहां तरहां के सोने के बासन में डालकें राजा के खुले दिल सें बेहिसाब पियाओ जात हतो।
रानी वशती ने सोई राजा क्षयर्ष के भवन में बईयरन हों भोज दओ।
ऊ ने उन से कई, अब कछु काड़ के ब्यारी के मुखिया के ऐंगर लै जाओ, और बे ले गए।