कि रानी वशती हों राजमुकट पहने भए राजा के सामूं ल्याओ; जीसें देस देस के मान्सन और हाकमन हों ऊकी खूबसूरती के दरसन हो जाबें; कायसें बा देखबे में सुन्दर हती।
राजा भारी खिसिया गओ, और दाखमधु पीबे से उठकें, राजभवन की बगिया में कड़ गओ; और हामान जौ हेरकें कि राजा ने मोरी हानी बिचार लई हुईयै, एस्तेर रानी सें प्रान की भीख मांगबे हों ठैरो रओ।