11 कि रानी वशती हों राजमुकट पहने भए राजा के सामूं ल्याओ; जीसें देस देस के मान्सन और हाकमन हों ऊकी खूबसूरती के दरसन हो जाबें; कायसें बा देखबे में सुन्दर हती।
खोजियन के द्वारा राजा कौ जौ हुकम पाकें रानी वशती ने आबे सें मना कर दओ। ईपै राजा बड़े गुस्सा सें जलन लगो।
राजा ने एस्तेर हों और सब कुवारियों सें जादां प्यार करो, और दूसरी सब कुंवारियों सें अधक ऊके अपनेपन और किरपा दृष्टि ओई पै भई, ई कारन ऊने ऊकी मूंड़ पै राजमुकुट रखो और ऊहों वशती की जागां पै पटरानी बनाओ।
ऊके लाने राजसी उन्ना लाओ जाए, जो राजा पैनत आय, और एक घुड़वा सोई, जीपै राजा सवारी करत आय, और ऊकी मुंड़ी पै जौन राजसी मुकट धरो जात आय, ऊ सोई लाओ जाए।