एस्तेर ने अपनी जात और कुल कौ पता नईं दओ हतो, कायसे मोर्दकै ने ऊहों ऐसो आदेस दओ हतो कि कछु नें बताए; एस्तेर मोर्दकै की बात एैसी मानत हती जैसे कि ऊके इतै अपने पालन पोसन की बेरा मानत हती।
और ई संसार के जैसे न बनो; पर तुमाए समज के नए हो जाबे से तुमाओ चाल सोई बदलत जाबे, जी से तुम परमेसुर की साजी और भावती, और सिद्ध अभलाखा अनुभव से मालूम करत रओ।
कि जैसो तुम पवित्तर मान्सन हां चईये, ऊहां पिरभु में अपनाओ; और जौन कोऊ बात में ऊहां तुम से कछु काम होबै, तो ऊकी मदद करौ; कायसे बा बिलात जन की इते लौ कि मोरी भलाई सोई करबेवारी रई आय।