उनईं दिना में मैंने यहूदा में कितनों हों हेरो जो बिश्रामदिन हों हौदी में दाख रौंदत, और नांज के बोरों हों ल्यात और उनहों गदहों पै लादत हते; बैसई बे दाखमधु, दाख, अंजीर और तरहां तरहां के बोझा बिश्रामदिना हों यरूशलेम में लात हते; तब जी दिना बे भोजनबस्त बेचत हते, ओई दिना मैंने उनहों चिता दओ।
हम भी तुमाए घांई मान्स आंय, और तुमहां ई लाने सन्देसो सुनात आंय, कि तुम इन बेकार की बातन हां छोड़के जीयत परमेसुर की कोद फिरो, जीने सरग, धरती, समुन्दर और जौन कछु ऊ में आए सबई हां बनाओ।
ई काजें कि बे परमेसुर हां जानत हते, तो भी उन ने परमेसुर की बड़वाई और धन्नबाद नईं करो, परन्त अपने हियन से बेकार के सोच विचार करन लगे, और उन कौ अज्ञानी मन अंधेरो हो गओ।
उन से धोका न खाईयो जौन ऐसे दिखात आंय कि बड़े कोंरे मन के आंय, जौन सरगदूतन की पूजा करत आंय परन्त तुम हां ऊ इनाम से जौन तुम हां मिलो चईये ऊ में बिलोरा डालत आंय। ऐसो मान्स बेसमझी की बातें करत आय और स्वारथी आय।
ई बात में कोई अपने भईया हां न ठगे, और न ऊ की भली मंसा को गलत फायदा उठाए, परमेसुर ऐसे मान्स हां उनके पापन के लाने दण्ड दै है; जैसो हम ने पेंला बता के चिता दओ हतो।