13 और कोनऊ हां कोई पै कछु दोस मिले तो एक दूसरन की बात सहो, और दूसरे जन की गलती को क्षिमा करो, जैसे पिरभू ने तुमाए पापन हां क्षिमा करो तुम सोई ऊं सई करो।
और जब कभऊं तुम ठांड़े होकें प्रार्थना करत आव, तो अगर तुमाए मन में कोऊ की तरफ से कछु बिरोध होबै, तो क्षमा करो: ईसे कि तुमाओ सरगवालो बाप भी तुमाए अपराधन हां क्षमा कर है।