जब बो ऊहां मिल गओ तो ऊहां अन्ताकिया लै आओ, तब ऐसो भओ कि बे पूरे एक बरस लौ मण्डली के संग्गै मिलत और बिलात लोगन हां सीख देत रए, और चेले सब से पेंला अन्ताकिया में मसीही कहलाए।
मैं याफा नगर में प्रार्थना कर रओ हतो, मैंने बेसुध होकें एक दर्शन हेरो, कि एक बड़ी चदरा घांई कोऊ बस्त, चारऊं कोने से लटकत भई, आकास से उतर रई आय, बो ठीक मोरे ऐंगर आ गई।