30 जौ जान के ऊहां कैसरिया में ले आए, और तरसुस हां पठै दओ।
जब बे एक नगर में तुम हां सताएं, तो दूसरी जांगह भग जईयो। कायसे मैं तुम से सांची कैत हों, तुम इस्राएल के सब नगरन में न फिर पा हौ, मान्स कौ पूत आ जै है।
जब यीशु कैसरिया, फिलिप्पी के परगना में आओ, तो अपने चेलन से जौ पूछन लगो, मान्स कौ पूत हां लोगबाग का कहत आंय?
और उनई दिना में पतरस भईयन के संग्गै जौन एक सौ बीस के लगभग इकट्ठे जुड़े हते, ठांड़ो होकें कैन लगो।
ओई बेरा बो शाऊ ल हां खोजबे के लाने तरतुस गओ।
भाईयन ने तुरतईं रात में पौलुस और सीलास हां बिरिया पठै दओ, जिते पोंचबे पे बे यहूदियन के प्रार्थनाघर में गए।
पौलुस हां पहुंचाबे वाले एथेन्स लौ ऊहां लै गए, और ऊसे जौ हुकम पाके की सीलास और तीमुथियुस फौरन मोरे ऐंगर आ जाबें, बे उते से विदा भए।
उते हम हां कछु भईया मिले, जिन के बिनती करबे से हम उन के ऐंगर सात दिना लौ ठहरे; ऐसे हम रोम पोंचे।
फिलिप्पुस अशदोद नगर में आ कड़ो, जब लौ बो कैसरिया नगर में न पोंचो, तब लौ नगर नगर सन्देसो सुनात रओ।
तब पिरभु ने ऊसे कओ, उठके ऊ गली में जा जौन सीधी कहात आय, और यहूदा के घर में शाऊ ल नाओं के एक तारसी हां पूछ ले, कायसे तक, ऊ बिन्तवाई कर रओ आय।
ईके बाद मैं सूरिया और किलिकिया देस में आओ।