25 पर रात हां ऊके चेलन ने ऊहां टुकना में बैठाओ, और शहरपनाह पर से लटका के उतार दओ।
बे सब खाके अफर गए और बचे भए टुकड़न से सात टुकनियां भरके उठाईं।
चेलन ने ठानी, कि हरएक अपनी अपनी हैसियत के अनसार यहूदिया में रहबे वाले भाईयन की मदद के लाने कछु पठैय।
पर उन की योजना शाऊ ल हां मालूम हो गई: बे तो ऊहां मार डालबे हां फाटकों पे दिन रात ऊ की घात में लगे रैत हते।
यरूशलेम में पोंच के शाऊ ल ने चेलन के संग्गै मिल जाबे कौ जतन करो: पर सबरे ऊसे डरात हते, कायसे कि उन हां बिसवास न होत हतो, कि ऊ सोई चेला आय।
मोहां टुकना में धरके जंगला से भीत पै हो नेंचें उतारो गओ, और मैं उनके हाथन से बच कड़ो।
तब राहाब जीकौ घर सहरपनाह पै बनो हतो, और बा उतईं रैत हती, ऊने उनहों जंगला सें गिरमा के बल उतारकें नगर के बायरें कर दओ।