30 फिलिप्पुस ने रथ कुदाऊं गदबद लगाई ऊ ने ऊहां यशायाह अगमवकता की पोथी बांचत भए सुनो, ऊ ने पूछो तें जौन बांच रओ आय, का ऊहां समजत सोई आय?
जो कोऊ राज्य कौ बचन सुन के ऊहां नईं समझत, जो कछु ऊके मन में बोओ गओ हतो, ऊहां बो दुष्ट छुड़ा लै जात आय; जौ ओई आय, जो गैल किनारे बोओ गओ हतो।
जौन उमदा धरती मैं बोओ गओ, बो जौ आय, जौन बचन हां सुनके समझत आय, और फल लात आय, कोऊ सौ गुनो, कोऊ साठ गुनो, और कोऊ तीस गुनो।
का तुमाए समझ में जे सब बातें आ गईं?
और ऊ ने भीड़ हां अपने ऐंगर टेर के उन से कई, सुनो और समजो।
ई लाने जब तुम ऊ उजाड़बेवारी गन्दी बस्त हां जी की चरचा दानिय्येल आगमवकता के द्वारा करी गई हती, पवित्र जांगा में ठांडी तको, (पढ़बेवाले जान लें)।
सो जब तुम ऊ उजाड़बे वाली गन्दी चीज हां जहां उचित नईंयां उतै ठांड़ी तको, (पढ़बेवालौ समझ लेबे) तब जौन यहूदिया प्रदेश में होबें, बे पहरवन पै भग जाएं।
यीशु ने उन से कई, मोरी रोटी जा आय कि अपने पठैबेवाले की मन की बात पूरी करों और ऊ को काज पूरो करों।
तुम पवित्र शास्त्र में खोजत आव, कायसे तुम सोचत आव कि ऊ में अनन्त जीवन मिलत आय, और जे ओई आंय, जौन मोरे बारे में गवाही देत आय।
ऊ उठ के चल दओ, ऊने तको, कूश देश कौ एक मान्स आ रओ आय ऊ खोजा हतो और कूशियों की रानी कन्दाके कौ मन्त्री और खजांची हतो, बो अराधना करबे के लाने यरूशलेम आओ हतो।
तब आत्मा ने फिलिप्पुस से कओ, ऐंगर जाके रथ के संग्गै हो ले।
ऊ ने कओ, जब लग कोऊ मोय न समजाए मैं कौन भांत समझ सकत आंव? ऊ ने फिलिप्पुस से कओ, रथ में चढ़ के मोरे ऐंगर बैठ।
और फिलिप्पुस सामरिया नगर में जाके मान्सन के मजारें मसीह कौ परचार करन लगो।
परन्त समाज में दूसरी भाषा में दस हजार बातें कैबे से जौ मोहां और साजो जान पड़त आय, कि दूसरन को सिखाबे के लाने समज से पांचई बातें कओं।
सो मूरख न बनो, अकेले चित्त लगाओ, कि पिरभू की चाहना का है?
तुम हां ई जनावर को अंक जौन एक मान्स को अंक आए, और बो अंक छै सौ छियासठ आय, जीहां ज्ञान होबे सो ईहां बूझे।