19 जौ अधकार मोहां सोई दो, कि जौन कोऊ पै मैं हाथ धरों, बो पवित्तर आत्मा पाबै।
तुम कैसे भरोसा कर सकत आव, जब कि तुम खुद एक दूसरे से मान चाहत आव, और जौन मान अद्वैत परमेसुर की कोद से आय, ऊहां पाबो नईं चाहत?
तब उन ने उन पे हाथ धरे और उन ने पवित्तर आत्मा पाओ।
जब शमौन ने तको कि प्रेरितन के हाथ धरबे से पवित्तर आत्मा दओ जात आय, तो ऊ उन के ऐंगर रुपईया लाओ और उन से कओ।
पतरस ने शमौन से कओ; तोरे रुपईया तोरे संग्गै नास होबें, कायसे तेंने परमेसुर कौ दान रुपईयों से मोल लेबे कौ विचार करो आय।
दियुत्रिफेस जौन बड़ो बनत आय, हमाई कई नईं करत।