और परमेसुर कौ मन्दर जो सरग में आय, बो खोलो गओ, और ऊके मन्दर में ऊ की वाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और बिजली कड़कड़ान लगी और धरती डोलन लगी, और बड़े बड़े ओला गिरे।
ईके पाछें मैंने तको कि सरग में एक द्वार खुलो आय; और जीहां मैंने पेंला अपने संग्गै बात करत सुनो हतो, जी की बोली मानो तुरही जैसी हती, ओई कैत हतो कि इते ऊ परै आ जाओ: और मैं तोहां बे बातें दिखा हों, जिनको इन बातन के बाद पूरो होबो जरुरी आय।