53 तुम ने सरगदूतन के द्वारा ठैराई भई व्यवस्था नेम तो पाओ, पर ऊके अनसार चल न पाए।
का मूसा ने तुम हां नैम नईं दईं? फिन भी तुम में से कोई रीतियन कौ पालन नईं करत। तुम काय मोय मार डालबो चाहत आव?
जौ ओई आय, जीने हार में मण्डली के मजारें ऊ सरगदूत के संग्गै सीनै पहरवा पे ऊसे बातें करीं, और हमाए बाप दादों के संग्गै हतो: ओई हां जीयत बचन मिले, कि हम लौ पोंचाए।
तो नैम को का भओ? बो तो बुरय कामन से बाद में मिली, कि ऊ वंस के आबे लौ रैबे, जीहां प्रतिज्ञा दई गई हती, और बा सरग के एक दूत के सामूं दई हती।
कायसे खतना कराबेवारे खुद नैम में नईं चलत, अकेले तुमाओ खतना ईसे चाहत आंय, कि तुम पै हो बड़वाई मारें।
कायसे जौन बातें सरगदूतन ने कईं बो सांची कड़ी तो जौन ने आज्ञा न मानी उनहां ठीक दण्ड मिलो।