50 का जे सबरी बस्तें मोरे हातन की बनाई भईं नईंयां? हे हठीले और हिए और कान के खतना न कराए गए मान्सो, तुम हमेसा पवित्तर आत्मा कौ विरोद करत आव।
हम भी तुमाए घांई मान्स आंय, और तुमहां ई लाने सन्देसो सुनात आंय, कि तुम इन बेकार की बातन हां छोड़के जीयत परमेसुर की कोद फिरो, जीने सरग, धरती, समुन्दर और जौन कछु ऊ में आए सबई हां बनाओ।
परमेसुर जीने जगत और ऊ में की सबई बस्तन हां बनाओ, ओई सरग और धरती कौ प्रभु आय, बो हाथन के बने मन्दिरन में नईं रहत।