23 जब मूसा चालीस बरस कौ भओ, तो ऊके हिए में बात आई कि मैं अपने इस्राएली भाईयन से भेंट करों।
कछु दिना पाछें पौलुस ने बरनाबास से कई; जिन जिन नगरन में हम ने प्रभु कौ बोल सुनाओ हतो, आओ, उतईं लौट के भाईयन हां तकें, की बे कैसे आंय।
ऊ ने एक जने पे जादती होत तक के, ऊहां बचाओ, और मिसरी हां मार के सताए भए कौ पलटा लओ।
परमेसुर कौ धन्न होबे, जिन ने ओई मन्सा तीतुस के मन में सोई भर दई।
हर एक साजो बरदान और हर एक साजे से साजे बरदान ऊ परै से आंय, और उजयारे के बाप कुदाऊं से मिलत आय, जौन न तो कभऊं बदलत आय, और न छाया के जैसो बदलबे वारो आय।
कायसे परमेसुर उनके मन में जौ डाल है, कि बे ऊ की मनसा पूरी करें; और जब लौ परमेसुर को कहो पूरो न हो जाबै, तब लौ बे एक मन होकें अपनो अपनो राज ऊ जनावर हां दे देबें।