11 तब मिसर और सबरे कनान में आकाल पड़ो; जी से भारी परेसानी भई, और हमाए बापदादों हां नांज नईं मिलत हतो।
ई तरहां जो मान्स अन्न खरीदबे आए उनके संगै इस्राएल के मोंड़ा भी आए; कायसे कनान देस में भी भारी अकाल हतो।
देस में अकाल और भी भयंकर होत गओ।
आकाल के जो पांच साल और हुईयें; उनमें मैं इतईं तोरी देखभाल करहों; एैसो नें होए कि तें और तोरो घराना, बल्कि जितेक तोरे आंय, बे भूखों मरें।’
फिन उनोंरन ने फिरौन सें कई, “हम ई देस में परदेसी जैसे रैबे के लाने आएहें; कायसे कनान देस में बड़ो अकाल होबे के कारन तोरे दासों हों गाड़र-छिरियों के लाने चारा नें रओ; ई लाने अपने दासों हों गोशेन देस में रैबे कौ हुकम दे।”