1 उन दिना में जब चेलन की गिनती कुल्ल बढ़न लगी, तब यूनानी भाषा बोलबेवारे इब्रानी भाषा बोलबेवारन पे कुड़कुड़ऊन लगे, कि रोज रोज की सेवकाई में हमाई बिधवाओं की सुधि नईं लई जात।
हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो तुम पे श्राप! कायसे तुम मान्सन के विरोध में सरग के राज्य कौ द्वार बन्द कर देत आव, तुम न तो खुद जात आव और न जाबे वारन हां भीतर जान देत आव।
जब बो ऊहां मिल गओ तो ऊहां अन्ताकिया लै आओ, तब ऐसो भओ कि बे पूरे एक बरस लौ मण्डली के संग्गै मिलत और बिलात लोगन हां सीख देत रए, और चेले सब से पेंला अन्ताकिया में मसीही कहलाए।
का हम ने तुम हां हटक के हुकम न दओ हतो, कि तुम ई नाओं से परचार न करियो? पर तको, तुम ने सबरे यरूशलेम हां अपने सन्देसे से भर दओ आए और ऊ जने कौ रकत हमाई घींच पे लाओ चाहत आव।
और निधड़क होकें पिरभु के नाओं से परचार करत हतो: और यूनानी भाषा बोलबेवारे यहूदियन के संग्गै बातचीत और बतकाओ करत हतो; पर बे औरें ऊहां मार डालबे कौ जतन करन लगे।
तब पतरस उठके उन के संग्गै हो लओ, और जब ऊ पोंचो, तो बे ऊहां ऊ अटारी पे ले गए; सबरी बिधवाएं रोत भईं ऊके ऐंगर आ ठांड़ी भईं: और जौन कुरता और उन्ना दोरकास ने उन के संग्गै रैत भए बनाए हते, दिखान लगीं।
हमाए पिता परमेसुर के लेखे में सुद्ध और साफ भक्ति जा आय, कि हम अनाथों और बिधवाओं की दुख पीड़ा में उन की सुध लेबें, और अपने आप हां संसार की बातन से दूर राखें।