34 पर गमलीएल नाओं के एक फरीसी ने जौन व्यवस्थापक और सबरे मान्सन में आदरणीय हतो, महापंचायत में ठांड़े होकें प्रेरितन हां तनक देर के लाने बायरें कर देबे कौ हुकम करो।
एक दिना की बात आय कि यीशु उपदेश दे रओ हतो और कछु धरम ज्ञानी और धरम शिक्षक उते बिराजे हते, जौन गलील और यहूदिया के सबरे गांव और यरूशलेम से आए हते; और शुद्ध करबे हां पिरभु की सक्ति बल ऊके संग्गै हतो।
मैं यहूदी आंव, जौन किलकिया के तरसुस में जन्मो; पर ई नगर में मोरो पलबो पुसबो भओ और गमलिएल के चरनन मैं बैठ के पुरखन की रीतियन के अनसार कड़ाई से सीखो, और परमेसुर के लाने उमंग से भरो भओ हतो, जैसे आज तुम सब आव।
बे जौ सुन के भुनसारो होतई मन्दर में जाके बचन सुनाऊ न लगे: तब महायाजक और ऊके संगियन ने महापंचायत हां और इस्राएलिययन के सब बूढ़े पुरनियन हां जोड़ो, और कैदखाने में कहला पठैओ कि उन हां ले आओ।