22 पर सिपाईयन ने कैदखाने में पोंच के उन हां न पाओ, और लौट के उन हां सन्देसो दओ।
पतरस भी कछु दूरी पे ऊके पाछें पाछें निंग के महायाजक के आंगन लौ पोंचो, और भीतरै पिड़ के का हुईये जौ देखबे के लाने पहरेदारन के संग्गै बैठ गओ।
भुनसारौ भए सिपाहियन में खलबली मच गई, की पतरस कौ का भओ।
हम ने कैदखाने हां बड़ी चौकसी से बन्द करो भओ, और सिपाईयन हां बायरें पैहरे पे ठांड़ो तको; पर जब खोलो, तो भीतर कोऊहां न पाओ।
तब सरदार, सिपाईयन के संग्गै जाके, उन हां ले आए, पर जबरदस्ती नईं, कायसे मान्सन से डरात हते, कि बे उन हां पत्थरन से न मार डालें।