15 इते लौ कि मान्स रूगियन हां गैल में गोला पे लिया के, चारपाई और खटोलों पे पार देत हते, कि जब पतरस आबै, तो ऊ की छांई उन में से कोई पे पड़ जाबै।
बे ऊसे बिन्तवाई करन लगे, कि बो अपने उन्ना के छोर हां छी लैन देबे: और जितनन ने ऊहां छिओ, बे साजे हो गए।
कायसे बा अपने मन में कैत हती जदि मैं ऊके उन्ना हां छी लै हों, तो साजी हो जै हों।
अगल बगल के सबरे देश में दौड़े, और बीमारन हां खटियों पै डालके, जहां जहां खबर पाई कि ऊ आय, उते उते लए फिरे।
मैं तुम से सांची सांची कहत आंव, कि जौन मोय में भरोसा करत आय, बे काज जौन मैं करत आंव बो भी कर है, और ईसे भी बड़े काज कर है, कायसे मैं बाप के ऐंगर जात आंव।
ई बात से, टापू के बचे रोगी भी आके साजे होन लगे।
यरूशलेम के आसपास के नगरों से सोई बिलात मान्स रूगियन और भूत आत्माओं के सताए भय हां ला लाके, जुड़म हते, और सब साजे कर दए जात हते।