23 पंचयात से छूट के पतरस और यूहन्ना अपने संगियन के ऐंगर आए, और जो कछु प्रधान याजकों और बूढ़े पुरनियन ने उन से कओ हतो, उन हां सुना दओ।
बे जेलखाने से कड़ के लुदिया के घरै गए, और उतईं भाईयन से मिलके उनहां हिम्मत बंधाई, और उन से विदा भए।
ऊ मान्स, जौन साजो भओ हतो जी पे जा बात घटी हती, चालीस बरस से अधिक उमर कौ हतो।
जौ सुन के, उन ने एक चित्त होकें ऐन ऊंचे बोल से परमेसुर से कओ, हे मालक, तें ओई आय जीने सरग और संसार और समुन्दर और जो कछु उन में आय बनाओ।