और जब ऊ ने तको कि बे नाव खेऊत खेऊत घबरा गए आंय, कायसे कि हवा उनके उल्टी चल रई हती, तो रात के चौथे पहर के आस पास ऊ झील पै चलत भओ उनके ऐंगर आओ, और उनसे आगे निकल जाओ चाहत हतो।
जब हम कछु दिना लौ हरां हरां परेसानी से कनिदुस के आंगू पोंचे, तो ई लाने की बैहर हम हां आंगू नईं बढ़न दे रई हती, हम सलमोने के आंगू से होकें क्रेते की आड़ में चले।