30 जब ढीमर जहाज से भगबे की कोसिस कर रए हते, और अगले हिस्सा से लंगर डालबे के बहाने से डोंगी हां समुन्दर में उतार चुके हते।
तब कौदा नाओं के टापू की आड़ में बहत बहत हम परेसानी से जहाज की डोंगी हां वस में कर पाए।
पर जब चौदहवीं रात आई, और हम अद्रिया सागर में भटकत फिर रए हते, तो आधी रात के करीब, ढीमरन ने ऐरो लओ, की हम कोऊ तीरे के ऐंगर पोंच रए आंय।
तब ई डर से की कहूं चट्टान से न जा टकराएं, जहाज के पिछले हिस्सा से चार लंगर डाले, औरभुनसारे होबे की बाट जोहन लगे।
तो पौलुस ने सूबेदार और सिपाहियन से कई; अगर बे लोग जहाज पे नईं रएं, तो तुम नईं बच सकत।
तब सिपाहियन ने गिरमा हां काट के डोंगी गिरा दई।