20 जब बिलात दिना लौ न सूरज दिखा पड़ो, न तारे और बिलात आंधी चलत हती, तो हरां हरां हमाए बचबे की आसा भी जात रई।
तब यहोवा परमेसुर ने समंदर में एक बिकराल आंधी चलाई, और समंदर में बड़ी बिकराल आंधी उठी, इतै लौ कि जहाज टूटबे पै हतो।
ऊ दिना की पीड़ा के तुरतईं बाद सूरज अन्धयारो हो जै है, और चांद अपनो उजयारो न दै है, और आकास के तारे गिर पड़ हैं, और आकास की सक्तियां हिलाई जै हैं।
तीसरे दिना उन ने अपने हाथन से जहाज के समान हां सोई फेंक दओ।
जब बे बिना खाए पिए बिलात दिना बिता चुके, तब पौलुस ने उन के बीच ठांड़े होकें कई; हे भईया हरौ, सही होतो, की तुम मोरो कहबो मानते, और क्रेते से नईं चलते, तब न तो जा विपदा आती और न जा हानि उठानी पड़ती।
तीन बेरे मोहां बेंतें घलीं; एक बेर मान्सन ने पथरा मारे; तीन बेर जहाज जी पे मैं जा रओ हतो, टूट गए; एक रात और दिना मैंने समुन्द्र के पानू के बीच काटो।
जब तुम मसीह से न्यारे और इस्राएल के लोग नईं हते, और जौन बचन दओ गओ हतो ऊ में न हते, और बिन आसा और संसार में बिना ईसुर के हते।
भईया हरौ, हम नईं चाहत, कि जौन मर गए, उनके लाने नें जानो; ऐसो न होबै, कि दूसरे जन घांई तुम रोओ पीटो जिन हां सांचई कोई आसा नईंयां।