19 तीसरे दिना उन ने अपने हाथन से जहाज के समान हां सोई फेंक दओ।
तब मल्लाहों ने डरकें अपने अपने देवतन हों चिल्लयाओ; और जहाज में जौन ब्योपार की बस्तें हतीं उनहों समंदर में मेंकन लगे कि जहाज हल्को हो जाबै। परन्त योना जहाज के निचले हींसा में उतरकें सो गओ हतो और गैरी नींद में पड़ो हतो।
दूसरे दिना जब हम आंधी से बिलात हिचकोले खा रए हते, तो बे जहाज कौ माल फेंकन लगे।
जब बिलात दिना लौ न सूरज दिखा पड़ो, न तारे और बिलात आंधी चलत हती, तो हरां हरां हमाए बचबे की आसा भी जात रई।