तब मल्लाहों ने डरकें अपने अपने देवतन हों चिल्लयाओ; और जहाज में जौन ब्योपार की बस्तें हतीं उनहों समंदर में मेंकन लगे कि जहाज हल्को हो जाबै। परन्त योना जहाज के निचले हींसा में उतरकें सो गओ हतो और गैरी नींद में पड़ो हतो।
मालक ने ऊ अधरमी भण्डारी हां सराहो कि ऊ ने चतुराई से काम करो आय; कायसे ई संसार के मान्स अपनी बेरा के मान्सन के संग्गै रीत व्यवहारों में ज्योत के मान्सन से ज्यादा चतुर आंय।
ई लाने जब इतने सबरे जनों की गवाह हम जानत आंय, तो अब सबरी रोकबेवारी बस्तन और उलझाबेवारे पाप और बुरई बातन हां छोड़ के, जैसी दौड़ हम हां दौड़ने आय ऊहां संभल के दौड़ें।