5 कायसे बे मोरे बारे में बिलात पेंला से जानत आंय, की मैंने अपने धरम के सब से कट्टर सोच के अनसार फरीसी होकें जीयत रओ, अगर बे चाहें तो ई बात की गवाह भी दे सकत आंय।
मैं यहूदी आंव, जौन किलकिया के तरसुस में जन्मो; पर ई नगर में मोरो पलबो पुसबो भओ और गमलिएल के चरनन मैं बैठ के पुरखन की रीतियन के अनसार कड़ाई से सीखो, और परमेसुर के लाने उमंग से भरो भओ हतो, जैसे आज तुम सब आव।
ई बात की गवाही महापुरोहित और सियानन की बैठक दे सकत आय; मैंने भाईयन के नाओं पाती लई और ई मतलब से दमिश्क हां चलो, कि उते के लोगन हां बन्दी बना के दण्ड दिलाबे यरूशलेम लै जाओं।
जब पौलुस ने जौ हेरो, की एक झुण्ड सदूकियन कौ आय और दूसरो फरीसियन को, तो बो महा पंचायत में हल्ला करके कहन लगो, भईया हरौ, मैं फरीसी आंव और फरीसियन के वंस कौ आंव, मरे भयन की आस और फिन से जी जाबे के काजें ही मोरो न्याव हो रओ आय।
पर मैं तोरे आंगू जौ मान लेत आंव, की जी चाल हां जे बुरई चाल कहत आंय, ओई के अनसार मैं अपने पुरखन के परमेसुर कौ काज करत आंव: और जौन बातें रीत के अनसार आंय मानत हों, और जौन कछु आगमवक्तन के शास्त्रन में लिखी आंय, उन सब हां मानत हों।