27 हे राजा अग्रिप्पा, का तें आगमवक्तन कौ भरोसा करत आय? हओ, मैं जानत आंव, की तें भरोसा करत आय।
इन बातन हां राजा खुद जानत आय, जीके आंगू मैं बिना हिचक के बोल रओ आंव, मोय पूरो भरोसा आय, की इन में से कोई बात नईंयां, जौन उन से छुपी होबै, कायसे जा बात कोऊ कोने में नईं भई।
तब अग्रिप्पा ने पौलुस से कई, तें तनक समझाबे से मोय मसीही बनाओ चाहत आय।