4 तब फेस्तुस ने कई, पौलुस कैसरिया की हिरासत में आय, और मैं सोई झट्टई जाबे वालो आंव।
तब ऊ ने सूबेदार हां हुकम दओ, की पौलुस हां कछु ढील देके हिरासत में धरो जाबै, और ऊके संगियन में से कोऊहां भी ऊ की खुसामद करबे से नईं रोको जाबै।
जब दो साल बीत गए, तो फेलिक्स की जांगा पे पुरकियुस फेस्तुस हां ठहराओ गओ, और फेलिक्स यहूदियन हां खुस करबे की मनसा से पौलुस हां हिरासत में ही छोड़ गओ।
फेस्तुस ऊ परगना में पोंचबे के तीन दिना पाछें कैसरिया से यरूशलेम हां गओ।
जब बिलात दिना बीत गए तो राजा अग्रिप्पा और बिरनीके ने कैसरिया आके फेस्तुस से भेंट करी।
तब मैंने उन से कई, की रोमियों में जा रीत नईंयां, की कोऊ दोसी हां, जब लौ दोस लगाबेवालन के आंगू ठांड़े होकें अपने बचाव में बोलबे कौ मौका नईं मिले, ऊहां दण्ड के लाने सौंपो जाबे।
फिन ऊ ने कई, तुम में से जौन खास जनें आंय बे मोरे संग्गै निंगे, और अगर ई मान्स ने कोऊ बुरव काज करो आय, तो उते ऊ पे दोस लगाबें।
बो उन के बीच आठ या दस दिन रह के कैसरिया हां चलो गओ, दूसरे दिना ऊ ने न्याव आसन पे बैठ के हुकम दओ की पौलुस हां लाओ जाबै।
फिलिप्पुस अशदोद नगर में आ कड़ो, जब लौ बो कैसरिया नगर में न पोंचो, तब लौ नगर नगर सन्देसो सुनात रओ।