जब बात ज्यादा बढ़त गई, तो सेनापति डरा गओ की कहूं बे पौलुस हां टुकड़ा टुकड़ा न कर डालें, ई लाने ऊ ने सिपाहियन हां हुकम दओ, की खालें जाके उन के बीच में से ऊहां जबरईं काड़ के किले में लै जाबें।
और ईपे दोस लगाबे वालन हां तोरे आंगू आबे कौ हुकम दओ, जिन बातन के बारे में हम ऊ पै दोस लगात आंय, अगर तें खुद ऊसे पूछतांछ कर ले, तो तोय इन सब कौ ज्ञान हो जै है।”