12 इन ने मोय न ही मन्दर में, न ही प्रार्थना घर में, और न ही नगर में कहूं कोऊ से बतकाव करत या दंगा करत पाओ आय।
और जब ऊ चेलन के ऐंगर आओ, तो तको कि उनके चारऊ कोद भौत भीड़ लगी आय और शास्त्री उनके संग्गै बहस कर रए आंय।
तें मोय से काय पूंछत आय? सुनबेवालन से पूंछ ले, कि मैंने उन से का कई? हेर, जे जानत आंय; कि मैंने का का कई?
जब इन ने मोय मन्दर में पाओ, तो मैं रीत अनसार सुद्ध होकें, बिना भीड़ भाड़ या दंगा करे, ई काज में लगो भओ हतो, पर उते आसिया के कछु यहूदी हते।
बात जा आय की जौ मान्स सांची में बदमास आय, और जगत भर के सारे यहूदियन में फूट डालत आय, और नासरियन के बुरई चाल कौ मुखिया आय।
पर पौलुस ने अपने बचाव में कई, मैंने न यहूदियन की रीत, न मन्दर और न कैसर के बिरुद्ध कोऊ पाप करो आय।
फिन ऐसो भओ, की तीन दिना के बाद ऊ ने यहूदियन के मुखिया लोगन हां टेरो, जब बे जमा भए, तो ऊ ने उन से कई; भईया हरौ, मैंने अपनी जात या अपने पुरखन के रीति रिवाज के बिरुद्ध कछु नईं करो, फिन भी मैं यरूशलेम से कैदी बनाके रोमियन के हाथन सौंप दओ गओ आंव।