5 ईपे पौलुस ने कई; भईया हरौ, मोय नईं मालूम हतो, की जौ महापुरोहित आय; कायसे लिखो आय, तें अपने लोग के हाकिमन हां बुरो नईं कहियो।
ऐंगर ठांड़े लोग ने कई, का तें परमेसुर के महापुरोहित हां बुरो भलो कहत आय?
अब बिलात बरसन के पाछें मैं अपनी जात के लाने दान पोंचाबे, और भेंट चढ़ाबे आओ हतो।
सब से बढ़ के उन हां जौन बुरई बासनाओं के बस में होकें देयां के अनसार निंगत, और पिरभु के राज हां ओछो जानत आंय; बे ढीठ, और हठी आंय, और ऊंचे पद वारन हां बुरो भलो कैबे से नईं डरात।