4 ऐंगर ठांड़े लोग ने कई, का तें परमेसुर के महापुरोहित हां बुरो भलो कहत आय?
धन्न आव तुमन, जब मान्स मोरे काजें तुमाई हंसी उड़ाबें, और तुम हां सताएं और लबरो बोल बोल के तुमाए बिरोध में सब तरहां की बातें कयें।
पौलुस ने ऊसे कई; हे चूना पुती भई भींत, तोय परमेसुर मार है: तें रीत के अनसार मोरो न्याव करबे के लाने इते बैठो आय, और फिन रीत के बिरोध में मोय मारबे कौ हुकम देत आय?
ईपे पौलुस ने कई; भईया हरौ, मोय नईं मालूम हतो, की जौ महापुरोहित आय; कायसे लिखो आय, तें अपने लोग के हाकिमन हां बुरो नईं कहियो।