परन्त मैं तुमन से कैत हों, कि जौन कोनऊ अपने भईया पे खुन्सयाबे, ऊहां कचहरी में सजा मिल है: और जो कोऊ अपने भईया हां निकम्मो कै है बो पंचायट में दोषी ठहर है; और जो कोऊ कैबे “अरे मूरख” बो नरक की आगी के दण्ड के जोग हुईये।
पर दूसरे दिना जौ जानबे के लाने की यहूदियन ने काय ईपे दोस लगाओ आय, ऊ ने ऊके बन्ध खोल दए; और मुखिया पुरोहितन और महापंचायत हां इकट्ठो होबे कौ हुकम दओ, और पौलुस हां लै जाके उन के आंगू ठांड़ो कर दओ।
ई बात की गवाही महापुरोहित और सियानन की बैठक दे सकत आय; मैंने भाईयन के नाओं पाती लई और ई मतलब से दमिश्क हां चलो, कि उते के लोगन हां बन्दी बना के दण्ड दिलाबे यरूशलेम लै जाओं।
ई लाने अब तुम, और बड़ी पंचायत मिलके सेनापति हां समझाओ, की ऊहां अपने ऐंगर बहाने से टेरो, जानो की तुम ऊके बारे में खूब जांच परख करबो चाहत आव, हम ऊहां इते पोंचबे के पैलईं ऊहां मार डालबे के लाने तईयार रै हैं।
जब पौलुस ने जौ हेरो, की एक झुण्ड सदूकियन कौ आय और दूसरो फरीसियन को, तो बो महा पंचायत में हल्ला करके कहन लगो, भईया हरौ, मैं फरीसी आंव और फरीसियन के वंस कौ आंव, मरे भयन की आस और फिन से जी जाबे के काजें ही मोरो न्याव हो रओ आय।
कायसे हम अपने हिये की जा बात मानत आंय, कि और ऊ पै बड़वाई करत आंय, कि संसार में और तुमाए बीच हमाई चाल परमेसुर को भाबेवारी पवित्तर और सांची हती, और ऐसो संसार के ज्ञान से नोंई, अकेले परमेसुर की दया से भई।
और हम ने बुरय कामन हां छोड़ दओ आय, और बनके नईं चलत, और न परमेसुर के बचन में कछु मिलात आंय, अकेले सांची बातें उजागर करत आंय, और परमेसुर हां जानत भए सबरन के हिये पै अपनी बात बैठा देत आंय।
और अपनी समज सोई सुद्ध राखो, ई लाने कि जिन बातन के बारे में तुमाई बदनामी होत आय, उन के बारे में बे जौन तुमाए मसीही साजे चाल चलन कौ अपमान करत आंय लज्जित होबें।