9 जौन मोरे संग्गै हते उन ने ज्योत तो तकी, पर जौन मोसे बोलत हतो ऊ की बोली नईं सुनी।
तो हे राजा, मैंने दुहपरिया की बेरा गैल में सूरज से भी तेज ज्योत आकास से आत हेरी, जौन मोरे और मोरे संग्गै चलबे वालन के चारऊं कोद चमक रई हती।
जौन मान्स ऊके संग्गै हते, बे चकित रै गए; कायसे बोल तो सुनत हते, पर कोऊहां तकत न हते।