5 ई बात की गवाही महापुरोहित और सियानन की बैठक दे सकत आय; मैंने भाईयन के नाओं पाती लई और ई मतलब से दमिश्क हां चलो, कि उते के लोगन हां बन्दी बना के दण्ड दिलाबे यरूशलेम लै जाओं।
जब पौलुस ने जौ हेरो, की एक झुण्ड सदूकियन कौ आय और दूसरो फरीसियन को, तो बो महा पंचायत में हल्ला करके कहन लगो, भईया हरौ, मैं फरीसी आंव और फरीसियन के वंस कौ आंव, मरे भयन की आस और फिन से जी जाबे के काजें ही मोरो न्याव हो रओ आय।
और मैंने यरूशलेम में जौई करो; मुखिया महापुरोहितन से हुकम पाके मैंने बिलात पवित्र लोगन हां जेलखाने में डालो, पर जब बे मौत के घाट उतारे जा रए हते, तो मैंने उन के बिरुद्ध में अपनी हामी भी दई।
मैं आमतौर पे सब प्रार्थनाघर में जाके उनहां सताव करत हतो, और यीशु कौ ठट्ठा करबे हां उनहां दबाव डालबे की कोसिस करत हतो, और उन के बिरुद्ध बड़े गुस्सा से भर के बाहर के नगरन में भी उन कौ पीछा करत हतो।
फिन ऐसो भओ, की तीन दिना के बाद ऊ ने यहूदियन के मुखिया लोगन हां टेरो, जब बे जमा भए, तो ऊ ने उन से कई; भईया हरौ, मैंने अपनी जात या अपने पुरखन के रीति रिवाज के बिरुद्ध कछु नईं करो, फिन भी मैं यरूशलेम से कैदी बनाके रोमियन के हाथन सौंप दओ गओ आंव।
उन ने ऊसे कई; न तो हम हां यहूदियन से तोरे बारे में कोऊ चिठिया मिली आय, और न भाईयन में से कोऊ ने इते आके तोरे बारे में कोऊ खबर दई आय, और न कोऊ बुरई बात कई आय।
बे जौ सुन के भुनसारो होतई मन्दर में जाके बचन सुनाऊ न लगे: तब महायाजक और ऊके संगियन ने महापंचायत हां और इस्राएलिययन के सब बूढ़े पुरनियन हां जोड़ो, और कैदखाने में कहला पठैओ कि उन हां ले आओ।