फसह के परब के पेंला यीशु ने जौ जानके, कि मोरी घड़ी आ पहुंची आय, कि मैं संसार हां छोड़ के बाप के ऐंगर जाओं, तो अपनों से जौन संसार में हते, जैसो प्रेम ऊ रखत हतो, उन से अन्त लौ वैसई प्रेम धरें रओ।
जब जे बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने अपनी आत्मा में मकिदुनिया और अखाया से होत भओ, यरूशलेम जाबे की ठानी, और कई, उते पोंचबे के पाछें मोय रोम हां भी जाबो जरूरी आय।
पौलुस ने जा ठानी हती की इफिसुस में रुके बिना आंगू बढ़ जाबें, की ऊहां आसिया में बिलात दिना न ठैरबो पड़े; कायसे बो जल्दी में हतो, की अगर हो सके, तो पिन्तेकुस्त के दिना ही यरूशलेम पोंच जाबें।