पौलुस ने जा ठानी हती की इफिसुस में रुके बिना आंगू बढ़ जाबें, की ऊहां आसिया में बिलात दिना न ठैरबो पड़े; कायसे बो जल्दी में हतो, की अगर हो सके, तो पिन्तेकुस्त के दिना ही यरूशलेम पोंच जाबें।
कायसे हम अपने हिये की जा बात मानत आंय, कि और ऊ पै बड़वाई करत आंय, कि संसार में और तुमाए बीच हमाई चाल परमेसुर को भाबेवारी पवित्तर और सांची हती, और ऐसो संसार के ज्ञान से नोंई, अकेले परमेसुर की दया से भई।