44 और बे सब बिसवास करबेवाले संग्गै रहत हते, और उन की सब बस्तें सोंजयाई की हतीं।
बिसवास करबेवारन की मण्डली एक चित और एक हिए की हती, इते लौ कि कौनऊं अपनी जादाद अपनी न कैत हतो, पर सब कछु साझे कौ हतो।
ऊ लौ कछु भूमि हती, जीहां ऊ ने बेचो, और दाम के रुपैया लाके प्रेरितन के गोड़न पे धर दए।
और ऊके दाम में से कछु रख लओ; और जा बात ऊ की औरत सोई जानत हती, और ऊकौ एक हींसा प्रेरितन के गोड़न के आंगू धर दओ।
जब लग बा तोरे ऐंगर हती, का तोरी न हती? और जब बिक गई तो का तोरे वस में न हती? तेंने अपने हिए में जा बात काय सोची? तें मान्सन से नोईं, परन्त परमेसुर से लाबरी बोलो।
तुम हमाए पिरभू यीशु की दया जानत आव, कि बे धनी होकें तुमाए लाने कंगाल बने कि उनके कंगाल होबे से हम धनी हो जाबें।