2 और अचानक आकास से बड़ी आंधी कैसी सनसनाहट की आवाज भई, और ऊसे सबरो घर जिते बे बैठे हते, गूंज गओ।
तब एकाएक ऊ सरगदूत के संग्गै सरगदूतन कौ झुण्ड़ परमेसुर कौ जस गात और जौ कैत भए दिखाई दओ।
बैहर जिते चाहत उते चलत आय, और तें ऊ को ऐरौ लेत आय, पर जौ नईं जानत, कि बो किते से आत और किते हां जात आय, जौन आत्मा से जन्म लेत आय बो ऐसो ही आय।
और उन हां आगी की सी जीभें फटत भई दिखानी; और उन में से हर जने पे आ ठैरीं।
जब बो आवाज भई तो मान्स जुड़ आए और बे औरें घबरा गए, कायसे हर एक जन हां जौई सुनाई पड़त हतो, कि जे मोरी भाषा में बोल रए आंय।
जब बे बिन्तवाई कर चुके, तो बा जांगा जिते बे जुड़े हते हल गई, और बे सबरे पवित्तर आत्मा से भर गए, और परमेसुर कौ बचन हियाव से सुनात रए।
उन पे जौ उजागर करो गओ, कि बे अपनी नोंई परन्त तुमाई सेवा के लाने जे बातें कओ करत हते, जी की खबर अब तुम हां उन से जौन सरग से पठैओ गओ: तुम हां भलो सन्देसो सुनाओ, और इन बातन हां सरगदूत सोई ध्यान से देखबे की मनसा राखत आंय।