और तुम हेरत और सुनत आव, की न केवल इफिसुस में, बल्कि करीब सबरे आसिया में ई पौलुस ने बिलात लोगन हां समझा बुझाके और जौ कहके बहका दओ आय, की जा तो हाथन की कारीगरी आय, बो परमेसुर नईंयां।
पौलुस ने जा ठानी हती की इफिसुस में रुके बिना आंगू बढ़ जाबें, की ऊहां आसिया में बिलात दिना न ठैरबो पड़े; कायसे बो जल्दी में हतो, की अगर हो सके, तो पिन्तेकुस्त के दिना ही यरूशलेम पोंच जाबें।
और अप्पुल्लोस भईया से मैंने बिलात बिन्तवाई करी आय, कि बो तुमाए ऐंगर भाईयन के संग्गै जाबै; परन्त ऊ ने ई बेर जाबे हां कछु लौ अभलाखा न करी, परन्त जब मौका हुईये तब आ जै है।
हे भईया हरौ, मैंने इन बातन में अपनी और अपुल्लोस की कनौत सी कई, कि तुम हम से जौ सीखो, कि जैसो लिखो आय ऊसे आंगू न बढ़ियो, एक हां बड़ो और दूसरे हां ओछो न जानियो।