27 कि बे परमेसुर हां खोजें, जौ भी हो सकत आय की बे ऊहां टटोल के पाबें, जब की बो हम में से कोऊ से दूर नईंयां।
फिन भी ऊ ने खुद हां बिना गवाह के नईं छोड़ो; बस बो भलो करत रओ, और तुमहां बरसा और फरबे की ऋतुएं देके, तुमाए मन हां रोटी और खुसी भरत करत रओ।
जीसे की बाकी लोग भी और सब गैरयहूदी भी जौन मोरे नाओं के कहात आंय, प्रभु हां खोजें।
कायसे संसार के बनवे के टैम से परमेसुर के अनदेखे गुन, जानो उनको भारी बल, संसार की रचना में साफ साफ समजो जा सकत आय, ई लाने उन लौ कोऊ बहानो नईंयां।
का तें ऊ की किरपा, सहनशीलता, और धीरजरूपी मन हां नीचो समझत आय? और का जौ नईं जानत, कि परमेसुर की किरपा तोय हिया फिराबो सिखात आय।