25 और न ही मान्सन के हाथन से खुसामत करात आय, कायसे ऊहां कोऊ बात की कमी घटी नईंयां, बो सब हां जीवन और सांस और सब कछु देत आय।
तब यहोवा परमेसुर ने आदम हों धरती की माटी सें बनाओ, और ऊके नकुओं में जीवन की सांस फूंक दई; और आदम जियत प्रानी बन गओ।
जीसे तुम अपने स्वर्गीय बाप की लड़ेर बन सको, कायसे बो अपनो सूरज भले और बुरय दोई के लाने उगात आय, और धर्मियन और अधर्मियन दोई पे पानू बरसात आय।
तुम जाओ और ईको मतलब सीख लेओ, मैं बलि नईं बल्कि दया चाहत आंव; कायसे मैं धर्मियन हां नईं पर पापियन हां बचाबे हां आओ हों।
फिन भी ऊ ने खुद हां बिना गवाह के नईं छोड़ो; बस बो भलो करत रओ, और तुमहां बरसा और फरबे की ऋतुएं देके, तुमाए मन हां रोटी और खुसी भरत करत रओ।
कायसे ओई में हम जीयत रहत, और निंगत फिरत, और बने रहत आंय; जैसो कि तुमाए कछु कवियन ने भी कई आय, हम भी तो ओई की लड़ेर आंय।
या कीने पेंला ऊ ए कछु दओ आय जी कौ बदला ऊहां चुकाओ जाए।
ई संसार के मालदारों को आदेस दे, कि बे घमण्डी न होबें और धन कौ लालच न करें, पर परमेसुर पर जो हमाए सुख के लाने सब कछु बिलात देत आय।