16 जब पौलुस एथेन्स में उन की बाट तकें हतो, तो नगर हां मूरतन से भरो भओ हेर के बर उठो।
और ऊ ने उनके मन की कड़ाई से उदास होकें, गुस्सा से चारऊ तरपी तको, और ऊ मान्स से कओ, अपनो हाथ बढ़ा ऊ ने हाथ बढ़ाओ, और ऊकौ हाथ ठीक हो गओ।
यहूदियन कौ फसह कौ परब ऐंगर हतो और यीशु यरूशलेम हां गओ।
पौलुस हां पहुंचाबे वाले एथेन्स लौ ऊहां लै गए, और ऊसे जौ हुकम पाके की सीलास और तीमुथियुस फौरन मोरे ऐंगर आ जाबें, बे उते से विदा भए।
(कायसे सब एथेन्सवासी और परदेसी जौन उते रैत हते, नई नई बात कहबे और सुनबे के अलावा और कोऊ बात में अपनी बात नईं बितात हते।)
कायसे जब मैं घूमत फिरत तुमाए पूजबे की चीजन को हेर रओ हतो, तो मोहां एक वेदी मिली, जीपे लिखो हतो, “अनजाने ईश्वर के लाने”। ई लाने जीहां तुम बिना जाने पूजत आव, ओई कौ सन्देसो मैं तुम हां सुनात आंव।
इन बातन के पाछें पौलुस अथेने छोड़के कुरिन्थुस चलो गओ।
अब हेरो, मैं आत्मा में बंधो भओ यरूशलेम हां जात आंव, और उते न जाने मोय पे का का बीत है।
जब हम और न सह सके, तो हम ने सोचो की अकेले एथेन्स में रै जाबें।
और धरमी लूत हां जौन अधरमी जनों के बुरए चालचलन से बिलात दुखी हतो, छुटकारो दओ।