पौलुस ने जा ठानी हती की इफिसुस में रुके बिना आंगू बढ़ जाबें, की ऊहां आसिया में बिलात दिना न ठैरबो पड़े; कायसे बो जल्दी में हतो, की अगर हो सके, तो पिन्तेकुस्त के दिना ही यरूशलेम पोंच जाबें।
ई लाने अपनी और अपने सबरे गुट की रखनवारी करो; जीके बीच पवित्र आत्मा ने तुमहां मुखिया ठहराओ आय; की तुम परमेसुर की मण्डली की रखनवारी करो, जीहां ऊ ने अपने खून से मोल लओ आय।
जब ऊ आराधनालय में से जौन लिबिरतीनों की कहलात हती, और कुरेनी और सिकन्दरिया और किलिकिया और एशिया के मान्सनों में से कैऊ जने ठांड़े होकें स्तिफनुस से बतकाव करन लगे।
भईया हरौ, हम नईं चाहत कि तुम हमाए उन दुखों हां न जानो, जौन आसिया में हमने भुकते, कि हम ऐसे दबे चपे हते, जौन हमाए सैबे से बायरें हतो, ऐसो लगत हतो कि जान से जै हैं।
कि जो कछु तें हेरत आय, उन सबरी बातन हां एक पोथी में लिख के सातई मण्डली हां पठै दे, जैसे इफीसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलदेलफिया और लौदीकिया में।
यूहन्ना ने लिखो आसिया की सात मण्डली हां कि यीशु मसीह जौन अबै है, और जो हते, और जौन आबेवालो आय; और उन सात आत्माओं की कोद से, जौन ऊके सिंहासन के सामूं हैं।