34 और उनहां अपने घरै लै जाके, ऊ ने तुरतईं रोटी परोसी और सबरे कुनवा के संग्गै परमेसुर पे भरोसा करके बिलात खुसी मनाई।
अब खुसी मनाबो और मगन होबो चईये, कायसे जौ तोरो भाई मर गओ हतो फिन जी गओ आय; हिरा गओ हतो, अब मिल गओ आय।
बो तुरतऊं उतर के खुसी से ऊ ए अपने घरै ले गओ।
तब लेवी ने अपने घर में यीशु के लाने एक बड़ो भोज दओ; और चुंगी लेबेवारन कौ और औरन मान्सन कौ जौन ऊके संग्गै जेबे हां बिराजे हते, एक बड़ो झुण्ड हतो।
बो तोय ऐंसी बतें बता है, जीके द्वारा तें और तोरो सबरो कुटुम्ब उद्धार पा है।
जब ऊ ने और ऊके घर बारन ने बपतिस्मा लओ, तो हम से बिनती करी, अगर तुम मोय परमेसुर की बिसवासिनी मानत आव, तो आके मोरे घरै ठहरो; और बा हमें मनाकर ले गई।
जब भुनसारो भओ तब खास हाकिमन ने जौ कह के सिपाहियन हां पठैव, उन मान्सन हां छोड़ देओ।
और बे हर एक दिन एक मन होकें मन्दर में जुड़त हते, और घर घर रोटी तोड़त भए खुसी और मन की सीधाई से भोजन करत हते।
जब बे पानू में से कड़ के ऊपर आए, तो पिरभु कौ आत्मा फिलिप्पुस हां उठा ले गओ, और खोजे ने ऊहां फिन न तको, और खोजा अपनी गैल पे खुसी खुसी चलो गओ।
परमेसुर जौन आसा को दैबेवारो आय, तुम हां बिसवास करबे में सबरी भांत की खुसी से सान्ति भर देबे, कि पवित्तर आत्मा के बल से तुमाई आसा बढ़त जाय।
अकेले जौ नईं, पर हम अपने पिरभु यीशु मसीह के द्वारा हमाओ मेल मिलाप भओ आय, परमेसुर में खुसी मनात आंय।
जी के द्वारा बिसवास के काजें ऊ दया, जी में हम बने आंय, हमाई पोंच सोई भई, और परमेसुर की मईमा की आसा पे घमण्ड करें।
अकेले आत्मा के फल प्रेम, आनन्द, मेल मिलाप, धीरज धरबो।
जौ नईंयां कि मोहां कछु चईये परन्त मैं चाहत आंव कछु ऐसी बातें, जौन से आगे हां तुमाओ फायदा होबे।
पिरभू में हमेसा खुस रओ; मैं फिन कैत आंव कि खुस रओ।
कायसे भईया, तोरो प्रेम जो प्रभु से और मान्सन से लगो आय, ऊसे हमाए मन हां अच्छो लगो, सुनो आय कि तोसें मण्डली के जनन के मन हरे हो गए आंय।
हे लड़को, हम अपने मों की बोली से नईं, परन्त अपने कामन और सत्त से प्रेम करबें।