जब जे बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने अपनी आत्मा में मकिदुनिया और अखाया से होत भओ, यरूशलेम जाबे की ठानी, और कई, उते पोंचबे के पाछें मोय रोम हां भी जाबो जरूरी आय।
नगर में हो हल्ला मच गओ और लोगन ने गयुस और अरिस्तरखुस नाओं के पौलुस के संगियन हां जौन मकिदुनिया से आए हते, खचोड़ के एक संग्गै गदबद दै के नाठ्यशाला में गए।
और अद्रमुत्तियुम कौ एक जहाज आसिया के तीरे के परगना में जाबे हां हतो, हम ऊ पे चढ़के समुन्दरी दौरा के लाने कड़ पड़े, अरिस्तर्खुस नाओं के थिस्सलुनीके कौ एक मकिदूनी भी हमाए संग्गै हतो।
तुम हां पता आय कि पैली बेरा हम फिलिप्पी में गए, तो कैसो दुख और परेसानी हम पे पड़ी, परन्त परमेसुर ने हम हां ऐसी हिम्मत दई, कि हम परमेसुर की बातें बिरोध में सोई सुनात रएं।