जब प्रार्थना सभा खतम हो गई तो बिलात यहूदी और यहूदी धर्म में आए भए भक्तन में से बिलात लोग पौलुस और बरनाबास के पाछें हो लए; उन ने बतकाव करत भए उन से बिनती करी कि परमेसुर के आसीस में बने रएं।
तब पौलुस और बरनाबास ने जोर देके कई, जौ जरूरी हतो, की परमेसुर कौ बोल पेंला से तुम हां सुनाओ जातो: पर ई लाने की तुम ऊ को नईं मानत आव, और अपने आपई हां अनन्त जीवन के लाने नईं ठहरात आव, तो हेरो, हम गैर यहूदियन की कोद जात आंय।
ई बात की गवाही महापुरोहित और सियानन की बैठक दे सकत आय; मैंने भाईयन के नाओं पाती लई और ई मतलब से दमिश्क हां चलो, कि उते के लोगन हां बन्दी बना के दण्ड दिलाबे यरूशलेम लै जाओं।