13 पौलुस और ऊके संग्गी पानू की गैल से होकें पाफुस से पंफूलिया के पिरगा में आए: और यूहन्ना उनहां छोड़ के यरूशलेम हां लौट गओ।
जब ऊहां जौ मालूम भओ तो ऊ यूहन्ना की मताई मरियम के घरै गओ, जौन मरकुस सोई कहात आय; जिते बिलात लोग जमा होकें प्रार्थना कर रए हते।
कछु दिना पाछें पौलुस ने बरनाबास से कई; जिन जिन नगरन में हम ने प्रभु कौ बोल सुनाओ हतो, आओ, उतईं लौट के भाईयन हां तकें, की बे कैसे आंय।
पर पौलुस ई बात पे अड़ो रओ कि हम ऊ जने हां, जीने पंफूलिया में हमाओ संग छोड़ दओ हतो, अपने संग्गै नईं लै जै हैं।
और फ्रूगिया और पमफूलिया और मिसर और लिबूआ देश जौन कुरेने के आस पास आय, इन सबरे देशन के रैबेवारे और रोम से आए भए मान्स, का यहूदी का बे जिन ने यहूदी मत अपना लओ हतो, क्रेती और अरब के रहबेवारे सोई आंय।
जब दक्खिनी बैहर हरां हरां बहन लगी, तो जौ सोच के की हमाओ विचार पूरो हो गओ, उन ने लंगर उठाओ और तीरे तीरे क्रेते के ऐंगर होकें जान लगे।
और जब हम किलिकिया और पंफूलिया के समुन्दर तीरे से होकें कड़े, तो लूसिया के मूरा में उतर गए।
अरिस्तर्खुस जौन मोरे संग्गै जेहल में आय, और मरकुस जौन बरनबास को भईया लगत आय (जीके लाने मैंने कई हती कि जब बो तुम लौ आबै, तो उनकी अच्छी खुसामद करियो)।
लूका मोरे संग्गै बनो आय: मरकुस हां संग्गै लैके मो लौ चलो आ; कायसे सेवा के काज में ऊ बड़े काम को आय।